निर्भयता - एक महान सद्गुण | Motivation

निर्भयता मानवीय गुणों मे से एक महान सद्गुण है | सामान्यतया व्यक्ति भांति भांति के भय व चिंताओं से घिरा रहता है, जैसे स्वास्थ्य हानि की चिंता व भय धन समाप्ति का भय परिजनों के वियोग का भय आदि चिंता व भय से मन में नकारात्मक तत्वों का प्रवेश हो जाता है और इसके कारण फिर हम नकारात्मक सोचने लगते हैं और वस्तुओं और परिस्थितियों के प्रति नकारात्मक दद्रष्टि रखते हैं तथा सकारात्मक द्रष्टि से दूर भी हो जाते हैं | जीवन में आगे बढ़ने के लिए सकारात्मक दष्टिकोण का होना बहुत जरूरी है ,क्योंकि यही दष्टिकोण हमें आगे बढ़ने में मदद करता है, जबकि नकारात्मक दष्टिकोण हमारे आगे बढ़ने के सभी रास्तों को एक प्रकार से बंद कर देता है | यही कारण है कि जब व्यक्ति भय चिंता व अवसाद से ग्रस्त होता है तो वह इसी दलदल मे धसता चला जाता है | निर्भयता - एक महान सद्गुण उसे इन मनोविकारो से बाहर निकलने का कोई मार्ग नहीं मिलता, नकारात्मत्क द्रष्टिकोर्ण की यह दलदल इतनी भयानक होती है कि फिर व्यक्ति आत्महत्या करने को ही एकमात्र समाधान समझता है | भयभीत चिंता व अवसाद से ग्रस्त रहना एक आप्रकर्तिक बात है , प्रकर्ति भी नहीं चाहती की मनुष